चिकित्सा विभागछत्तीसगढ़

स्वास्थ्य विभाग:आरडीएस से ग्रसित बच्चे के फेफड़ों में सरफैक्टेंट डाल कर नवजात शिशु को बचाया SNCU दुर्ग की बड़ी उपलब्धि।

पाटन टाईम्स डेस्क।

दुर्ग। जिले के ग्राम खमरिया निवासी श्रीमती रेवती बाई के नवजात शिशु को विशेष नवजात शिशु देखभाल इकाई (एसएनसीयू) द्वारा एक नया जीवन मिला। श्रीमती रेवती बाई का नवजात शिशु समय से पूर्व एवं अविकसित फेफड़ों के साथ पैदा हुआ था। नवजात शिशु रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम (आरडीएस) से ग्रसित था, जिसका जिला अस्पताल में स्थित एसएनसीयू शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टरों ने सफलतापूर्वक ऑपरेशन किया। रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम एक श्वसन संबंधी विकार है, जिसमें सामान्य रूप से नवजात शिशु प्रभावित होते है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम से ग्रसित नवजात शिशु को जन्म के तुरंत बाद से ही सॉस लेने में दिक्कत हो रही थी। साथ ही दिल की धड़कन भी बढ़ी हुई थी। जाँच एवं एक्स-रे में पता चला कि उसके फेफडे़ पूरी तरह विकसित नही हुए थे। उसका उपचार तुरंत चालू किया गया तथा उसे सीपीएपी वैन्टीलेटर मशीन में रखा गया एवं शिशु के फेफड़ों के संकुचन की स्थिति को देखते हुए चिकित्सा विभाग के द्वारा उसे तुरंत सरफैक्टेंट नाम की दवा उसकी श्वास नली में दी गई।

शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. ने कही ये बात

एसएनसीयू के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. किरण कुमार ने सरफैक्टेंट दवा बच्चे के फेफड़ो में इन एसयूआरई तकनीक का इस्तेमाल करते हुए डाला। जिसमें उन्होंने पहले बच्चे की श्वास नली में इन्डोट्रैकियल ट्यूब एवं आवश्यक दवा नली के द्वारा फेफड़ो में डाला। इसके बाद ईटी ट्यूब बाहर निकालकर बच्चे को अगले दो दिनों तक सीपीएपी वैन्टीलेटर मशीन पर रखा गया। इस प्रक्रिया में डॉ़ दीपक साहू, डॉ़ यशवंत चंद्रा एवं एसएनसीयू स्टाफ नर्स ने उनका सहयोग किया। बच्चे का इलाज जिला अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. हेमंत साहू एवं डॉ. सीमा जैन की निगरानी में हो रहा था। 

शिशु रोग के विभागाध्यक्ष ने बताया

एचओडी एवं शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ.आर.के. मलहोत्रा ने बताया कि इस प्रकार समय से पूर्व जन्मे बच्चे के फेफड़ों में सरफैक्टेंट डाल कर बच्चे को बचाना एसएनसीयू दुर्ग की एक उपलब्धि है। बच्चे को ये महंगी दवाई एवं पूर्ण उपचार निःशुल्क उपलब्ध कराई गई। अभी गहन इलाज करने के बाद शिशु पूर्ण रूप से स्वस्थ है एवं उसे डिस्चार्ज किया जा चुका है। आरडीएस-नवजात रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम एक ऐसी गंभीर चिकित्सा है, जिसमें नवजात शिशु के फेफड़े उसके शरीर को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाता है। 

इन कारण से होता है,आरडीएस

रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम तब होता है, जब फेफड़ो में सर्फेक्टेट नामक पदार्थ की कमी होती है। ये पदार्थ फेफड़ों को फुलाए रखने में मदद करता है। यदि बच्चा समय से पहले पैदा हुआ है तो उसके फेफड़ो में पर्याप्त ऑक्सीजन की कमी हो सकती है।

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