दिल्ली

नीति आयोग की 8 वीं बैठक में शामिल हुए CM भूपेश बघेल, PM मोदी से की ये बड़ी मांग ।

  • उन्होंने बैठक से संबंधित एजेंडा बिन्दुओं के अतिरिक्त राज्यहित से जुड़ी विभिन्न योजनाओं और विषयों पर रखी अपनी बात।
  • श्री बघेल ने केंद्रीय करों में राज्य के हिस्से की 2,659 करोड़ रुपये की राशि जल्द उपलब्ध कराने का किया अनुरोध।
  • कोयला एवं अन्य प्रमुख खनिजों की रॉयल्टी दरों में संशोधन की आग्रह समेत इस्पात संयंत्रों की उत्पादन क्षमता के अनुरूप लौह अयस्क आरक्षित रखने की रखी मांग।
  • प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में नई दिल्ली में आयोजित इस बैठक में सभी राज्यों के मुख्यमंत्री रहे उपस्थित।

इस दौरान निम्न बातें रखीं:

🔹केंद्र सरकार राज्यों के अधिकारों का सम्मान करे और उसके हिस्से के संसाधनों को भी हस्तांतरित करने की प्रणाली को और मजबूत बनाए

🔹MSME को ध्यान में रखते हुए हमने राज्य में ग्रामीण एवं कुटीर क्षेत्रों में उद्यमिता को बढ़ावा देने तथा क्षेत्र के संसाधनों को स्थानीय स्तर पर उपयोग किए जाने के उद्देश्य से ग्रामीण एवं कुटीर औद्योगिक नीति 2023-24 की घोषणा की है

🔹एनएमडीसी द्वारा राज्य में स्थित इकाइयों को 25-30 प्रतिशत आयरन ओर ही उपलब्ध कराया जा रहा है। समुचित आयरन ओर राज्य की इकाइयों के लिए उपलब्ध कराने का आग्रह किया

🔹छत्तीसगढ़ के एमएसएमई उद्योगों को एसईसीएल से विगत 2-3 वर्षों से राज्य की आवश्यकता अनुरूप कोल नहीं मिल रहा है। इस विषय पर कार्यवाही कर छत्तीसगढ़ का हित सुरक्षित करने का आग्रह किया

🔹आदिवासी अंचल बस्तर में औद्योगीकरण को बढ़ावा देने के लिए विगत चार वर्षों में लगभग 9 हजार करोड़ रूपए पूंजी निवेश हेतु एमओयू किए गए हैं। इनमें से इस्पात उद्योगों के लिए प्रतिवर्ष 3 मिलियन टन आयरन ओर की आवश्यकता होगी। इन इस्पात संयंत्रों की उत्पादन क्षमता के अनुरूप आयरन ओर आरक्षित रखा जाए तथा प्राथमिकता के आधार पर उपलब्ध कराया जाए। साथ ही विशेष प्रोत्साहन अंतर्गत एनएमडीसी द्वारा आयरन ओर की दर में भी 30 प्रतिशत छूट दी जाए

🔹20 हजार से कम आबादी के शहरों में मनरेगा लागू करने का सुझाव दिया

🔹रायपुर एयरपोर्ट से अंतर्राष्ट्रीय विमान सेवा शीघ्र शुरू करने व समन्वय हेतु नोडल अधिकारी की नियुक्ति का अनुरोध किया

🔹छत्तीसगढ़ के 10 आकांक्षी जिलों में सोलर पावर प्लांट की स्थापना के साथ ही 5 मेगावाट तक के सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना को हरित गतिविधियों के रूप में मान्य करते हुए वन संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत वन व्यपवर्तन से छूट प्रदान करने की मांग की

🔹महिलाओं व शिशुओं की देखभाल के सभी कार्यक्रमों के लिए एकीकृत एमआईएस प्रणाली होनी चाहिए। इसके साथ ही केंद्र प्रायोजित योजनाओं के तहत केंद्र-राज्य वित्त पोषण का हिस्सा 75ः25 करने का अनुरोध किया

🔹नवीन पेंशन योजना में जमा 19 हजार करोड़ की राशि की वापसी का मुद्दा भी उठाया। साथ ही जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान की भरपाई की मांग भी की

🔹केंद्रीय करों में राज्य का हिस्सा कम प्राप्त हो रहा है। 2659 करोड़ की राशि इस वित्तीय वर्ष में राज्य को उपलब्ध कराने की मांग की

🔹खनिजों से मिलने वाली एडिशनल लेवी की 4 हजार 170 करोड़ राशि छत्तीसगढ़ को हस्तांतरण करने का आग्रह किया

🔹केंद्रीय बलों की तैनाती पर हुए सुरक्षा व्यय 11 हजार 828 करोड़ रुपए को केंद्र सरकार द्वारा वहन करते हुए राज्य को इस बकाया से मुक्त करने का आग्रह भी किया

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