चेयरमैनबिजली

स्वीकृति के बाद भी बिजली क्षेत्र के कार्य अटके, चेयरमैन नाराज..

जिन स्थानों पर कार्य स्वीकृत है और टेंडर हो चुके है, बजट की समस्या भी नहीं है। वहां भी उचित मानीटरिंग नहीं होने के कारण वांछित प्रगति नहीं हो पाई है।

बिजली आपूर्ति में बाधा की लगातार आ रही शिकायतों को उर्जा सचिव व छत्तीसगढ राज्य विद्युत कंपनी के अध्यक्ष पी दयानंद ने गंभीरता से लिया है। ट्रांसमिशन (पारेषण) व वितरण कंपनी के अधिकारियों को बैठक कर नाराजगी जताते हुए जिन स्थानों पर आपूर्ति बहाली में निर्धारित से अधिक या गैरवाजिब समय लग रहा हैं, वहां के जिम्मेदार अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया जाए।

पिछले कुछ समय से बिजली की आपूर्ति बाधित होने तथा उसकी बहाली में लगने वाले अधिक समय को लेकर समाचार प्रकाशित होते रहे। इसे संज्ञान में लेते हुए अध्यक्ष पी दयानंद ने मुख्यालय में बैठक आयोजित की। इस दौरान उन्होंने समस्याओं का कारण पूछा, तो अधिकारियों ने बताया कि विगत पांच वर्षों में विद्युत उपकेंद्र व लाइनों की स्थापना जैसे अधोसंरचना के विकास के कार्यों में बहुत रूकावट आई थी। अनेक कारण से विद्युत विकास कार्यों में प्रगति नहीं हो पाई, इसका विपरीत असर वर्तमान समय में दिखाई पड़ रहा है। गर्मी के कारण जहां सर्वाधिक मांग दर्ज की जा रही हैे, उसके अनुरूप आपूर्ति की व्यवस्था की जा रही है। जिन स्थानों पर कार्य स्वीकृत है और टेंडर हो चुके है, बजट की समस्या भी नहीं है। वहां भी उचित मानीटरिंग नहीं होने के कारण वांछित प्रगति नहीं हो पाई है।

अध्यक्ष दयानंद ने इन परिस्थितियों को गंभीरता से लेते हुए शीघ्र ही ऐसे कार्यो की सूची प्रस्तुत करने कहा। जशपुर जिले में 15 विद्युत उपकेंद्र स्वीकृत होने के बावजूद वहां कार्य पूर्ण नहीं होने पर उन्होंने आश्चर्य व्यक्त किया। बैठक में बताया गया कि यदि कार्य समय पर हो गए होते, तो मौसम के कारण वर्तमान समय में जो दिक्कतें आ रही हैं उनका समाधान हो गया होता। उन्होंने विद्युत आपूर्ति में बाधा और लंबे समय तक आपूर्ति बहाल नहीं होने वाले प्रकरणों की सूची भी मांगी है, ताकि जिम्मेदारी का निर्धारण किया जा सके। बैठक में उन्होंने समाचार पत्रों में प्रकाशित खबरों के आधार पर संबंधित अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिया। साथ ही आगे भी बड़े पैमाने पर कारण बताओ नोटिस जारी करने समेत अनुशासनात्मक कार्यवाही के निर्देश दिए। दयानंद ने कहा है कि दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। प्रबंध निदेशक राजेश कुमार शुक्ला ने अनेक स्थानों पर पारेषण तथा वितरण तंत्र की मजबूती के लिए हुई अच्छी प्रगति की जानकारी देते हुए बताया कि आचार संहिता के कारण भी प्रभावित कार्य को तेजी से पूर्ण किया जाएगा। वर्ष 2024 के अंत तक अनेक कार्य पूर्ण करने की जानकारी उन्होंने दी।

बैठक में भीम सिंह कंवर, कार्यपालक निदेशक (वितरण), राजेंद्र प्रसाद, कार्यपालक निदेशक (वितरण-परियोजना), संजय पटेल, कार्यपालक निदेशक (पारेषण-परियोजना) आदि वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित रहे।

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