इंद्रजीत कुर्रे/रायपुर विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं। छत्तीसगढ़ की सियासत गरमाती जा रही है। पीसीसी चीफ बदले जाने के बाद अब स्कूल शिक्षा मंत्री प्रेमसाय टेकाम ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। पूर्व पीसीसी चीफ मोहन मरकाम को प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के पद से हटाए जाने के बाद उन्हें कैबिनेट में जगह मिल सकती है। कल शुक्रवार को वह मंत्री पद की शपथ लेंगे। इसके साथ ही पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रह चुके धनेन्द्र साहू को भी मंत्री बनाया जा सकता है। इस संबंध में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी आज मीडिया से चर्चा में संकेत दिए हैं। उन्होंने कहा कि देखिए और इंतजार कीजिए।
दूसरी ओर मरकाम और धनेन्द्र साहू के अलावा भी एक और नेता को मंत्री बनाए जाने की चर्चा है, जो सत्यनारायण शर्मा हो सकते हैं हालांकि अभी ये केवल चर्चा हैं। इससे पहले गोविंदपुर में पत्रकारों से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि इस्तीफा दिया नहीं जाता, ले लिया जाता है। मंत्रिमंडल से हटने का उनके चेहरे पर हाव भाव साफतौर पर देखा गया। उन्होंने मीडिया से चर्चा में कहा कि मंत्री मंडल में किसी को रखना और नहीं रखना ये मुख्यमंत्री के विवेकाधिकार पर निर्भर करता है। मुख्यमंत्री पूरे राज्य के होते हैं। मत्रिमंडल में किसको जगह कहां देना है। उनका प्रसाद होता है। वो जब चाहे , जिसे प्रसाद दे सकते हैं। मुझसे कहा गया कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी का निर्देश है, आपको इस्तीफा देना है। एक सवाल पर कहा कि इस्तीफा दिया नहीं जाता, उसे लिया जाता है। इस्तीफा देने की जो प्रक्रिया है, उसका पालन किया गया है।
‘पार्टी का जो निर्देश होगा, उसके हिसाब से काम करुंगा’
चुनाव से पूर्व मंत्रिमंडल में फेरबदल पर डा. प्रेमसाय सिंह ने कहा कि ये सब चलता रहता है। संगठन और पार्टी की प्रक्रिया है। आगे चुनाव में काम करना है। पार्टी का जो निर्देश होगा, उसके हिसाब से काम करना है। डा. प्रेमसाय ने अपनी टिकट कटने के सवाल पर कहा कि किसका टिकट कटेगा और किसका नहीं कटेगा, ये अलग बात है, लेकिन पार्टी हित में काम करना है।
मोहन मरकाम बन सकेत हैं मंत्री
सियासी गलियारे में चर्चा है कि पूर्व पीसीसी चीफ मोहन मरकाम मंत्री बनाए जा सकते हैं। इससे खुश मोहन मरकाम ने आज गुरुवार को अपने समर्थकों को मिठाई खिलाकार हर्ष जताया। विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस संगठन में दो बड़े बदलाव होने जा रहे हैं। माना जा रहा है कि कांग्रेस के चुनाव से पहले बस्तर और सरगुजा विधानसभा सीट पर चिंता झलक दिख रही है। आदिवासी संभागों की 26 सीटों पर कांग्रेस की नजर है। अभी हाल ही में कांग्रेस ने टीएस सिंहदेव को डिप्टी सीएम बनाकर सरगुजा संभाग को फिर से साधने की कोशिश की है। दूसरा बड़ा बदलाव बस्तर सांसद दीपक बैज को प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी देकर किया गया है। बस्तर संभाग की 12 विधानसभा सीट में सभी पर कांग्रेस के विधायक हैं। सांसद बैज के लोकसभा क्षेत्र की आठ सीट बस्तर संभाग से ही आती हैं। माना जा रहा है कि बैज के आठ विधानसभा सीट पर प्रभाव को देखते हुए उन्हें मोहन मरकाम की जगह पीसीसी चीफ बनाया गया। दूसरी ओर बीजेपी ने भी पिछले साल विश्व आदिवासी दिवस पर आदिवासी प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय को हटाकर अरुण साव को प्रदेश अध्यक्ष बनाया था।