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छत्तीसगढ़ में दूसरी बार बने आदिवासी समाज के मुख्यमंत्री पढ़े पूरी खबर…..

छतीसगढ़। भाजपा ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री की घोषणा कर दी है. विष्णुदेव साय (Vishnudev Sai) प्रदेश के चौथे और आदिवासी समुदाय से दूसरे मुख्यमंत्री होंगे. इससे पहले छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाद प्रदेश के आदिवासी नेता अजीत जोगी ने पहले मुख्यमंत्री के रूप में कमान संभाली थी. विष्णुदेव साय प्रदेश और केंद्र में कई जिम्मेदारी संभाल चुके हैं. आइये छत्तीसगढ़ के चौथे मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के परिवार समेत अन्य चीजों के बारे में जानते हैं.

कौन हैं विष्णुदेव साय?

विष्णुदेव साय (Vishnudev Sai) छत्तीसगढ़ की कुनकुरी विधानसभा से निर्वाचित हुए हैं. बीजेपी ने इस बार आदिवासी समुदाय से विष्णुदेव साय को मुख्यमंत्री बनाया है. अजीत जोगी के बाद छत्तीसगढ़ में कोई दूसरा आदिवासी नेता मुख्यमंत्री नहीं बना था. विष्णुदेव साय 2020 में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रहे. इसके अलावा वे सांसद और केंद्रीय मंत्री भी रहे हैं. इतना ही नहीं साय की गिनती संघ के करीबी नेताओं में होती है. विष्णुदेव साय साल 1999 से 2014 तक वह रायगढ़ से सांसद रहे हैं. मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में साय को केंद्र में इस्पात और खनन राज्य मंत्री बनाया गया था. जिसके बाद इन्होंने संगठन पद से इस्तीफा दे दिया था.

जीवन परिचय (Vishnudev Sai)

विष्णुदेव साय का जन्म 21 फरवरी 1964 को छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले के बगिया गांव के किसान परिवार राम प्रसाद साय और जशमनी देवी के घर हुआ था. विष्णुदेव साय के शिक्षा की बात करें तो उनका प्रारंभिक शिक्षा गांव के बगिया प्राथमिक स्कूल से हुई और आगे की पढ़ाई छठवीं से 11वीं तक कुनकुरी के लोयोला हायर सेकेंडरी स्कूल में 1981 तक पढ़ाई की. इसके बाद चार भाइयो में सबसे बड़े विष्णुदेव पारिवारिक कारणों से आगे की पढ़ाई छोड़ दी और घर में पिताजी के साथ खेती किसानी करने लगे. विष्णुदेव साय ने वर्ष 1991 में कौशल्या देवी से शादी की. उनके एक बेटा और दो बेटियां हैं.

पढ़ाई के बाद ऐसे राजनीति में आए Vishnudev Sai

गांव में पढ़े लिखे होने कारण 1989 में वार्ड पंच बने फिर 1991 में बगिया पंचायत के निर्विरोध सरपंच निर्वाचित हुए. सरपंच बनते ही इन्हें तपकरा विधानसभा सीट से 1991 से 1998 तक भाजपा प्रत्याशी बनाया गया और पहली बार 26 साल की उम्र में तत्कालीन मध्यप्रदेश की विधानसभा में विधायक बनकर विधानसभा का सफल तय किए. इसके बाद 27 मई 1999 में सांसद का चुनाव 2014 तक सांसद रहे. इसके साथ ही 20014 से 2019 तक कैबिनेट में इस्पात खनन श्रम रोजगार मंत्रालय में मंत्री रहे. 2020 से 2022 तक छत्तीसगढ़ में प्रदेश अध्यक्ष की पद पर रहे. वहीं 2022 से विशेष आमंत्रित राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य के रूप में रहे. 2023 के विधानसभा चुनाव में कुनकुरी विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी यूडी मिंज को 25 हजार 787 मतों से पराजित कर पुनः विधायक बने.

जसमिनी देवी, विष्णुदेव साय की मां

विष्णुदेव साय (Vishnudev Sai) की प्रथम पुत्री निवृति साय की शादी जिला धमतरी फसरपानी में हुई है. दूसरी पुत्री स्मृति साय सिविल सेवा की तैयारी रायपुर में कर रही है. वहीं एकलौता पुत्र टोसेन्द्रदेव साय रायपुर के मैट्स यूनिवर्सिटी से इंग्लिश लिटरेचर के साथ जर्नलिज्म की पढ़ाई की है.

जयप्रकाश साय, विष्णुदेव साय के छोटे भाई

दादा और दो भाई भी रह चुके हैं विधायक

विष्णुदेव के दादा स्व. बुधनाथ साय 1947-1952 तक विधायक मनोनीत हुए. जनसंघ के समय विष्णुदेव के बड़े पिताजी स्व. नरहरि प्रसाद साय सन् 1962-1967 तक लैलूंगा विधानसभा से विधायक रहे. 1972-1977 तक बगीचा विधानसभा से विधायक रहे. 1967 से 1979 तक सांसद व केंद्रीय मंत्री रहे. बड़े पिताजी स्व. केदारनाथ 1967-1972 तक तपकरा विधानसभा से विधायक रहे.

राजनीति के साथ अन्य चीजों में विष्णुदेव साय रुचि रखते हैं

जिसमें बैडमिंटन, फुटबॉल, किताबें पढ़ना, आदिवासियों का उत्थान और उनके विकास के लिए काम करना, गरीबों की सेवा करना है.

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