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नक्सल पीड़ित परिवारों ने जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर योजनाओं के लाभ के लिए लगाई गुहार

अपनों को खो चुके नक्सल पीड़ित पूनर्वास का लाभ लेने दर दर की खा रहे है ठोकरे

राजनांदगांव – जिले के विभिन्न गांव में निवासरत नक्सली हिंसा में सताये लोगों ने कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचकर पुनर्वास नीति के तहत लाभ दिए जाने की गुहार लगाई है। इन परिवारों के परिजनों का नक्सलियों ने हत्या कर दी थी व परिजनों को गृहग्राम छोड़ देने का धमकी देने के कारण घर खेती जमीन छोड़कर अन्य जगह झोपडी मे रहने को मजबूर है ।  राजनांदगांव जिले के क्षेत्र में रह रहे विभिन्न थाना क्षेत्र के नक्सली पीड़ित परिवार ने राजनंदगांव कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर कलेक्टर को पूनर्वास नीति का लाभ दिलाने ज्ञापन सौपा है। व ज्ञापन की प्रति माननीय मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, गृहमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष को प्रेषित कर पूनर्वस नीति का लाभ दिलाने गुहार लगाई है।

अपने अधिकारों के लिए न्यायालय का सहारा ले रहे परिवार

बता दें कि, विगत कई वर्षों से इन परिवारों ने अपने अधिकारों को लेकर कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक के दफ्तरों के चक्कर काटे और मजबूरन इन्हें न्यायालय का सहारा लेना पड़ा। न्यायालय से 4 माह के भीतर इन्हें पुनर्वास नीति के तहत लाभ दिए जाने दो बार आदेश जारी हुआ है। जिसे लेकर नक्सल पीड़ित परिवार के लोग कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचकर इस आदेश की तुरंत तामिली कर गुहार लगाई थी । कलेक्ट्रेट कार्यालय में अपने जीविका के संसाधनों की मांग करने को लेकर पहुंचे नक्सल पीड़ित परिवार के इन लोगों के पिता, भाई, बहन, बेटे की नक्सलियों ने अपनी मुखबिरी के संदेह में हत्या कर दी थी। अब इस परिवार के लोग अपने लिए पूनर्वस नीति के तहत दिए जाने वाली सुविधा मकान, छात्रावृति,  स्वरोजगार की मांग कर रहे हैं।

दर-दर भटकने को मजबूर परिवार नक्सली हिंसा में सताए इन परिवार के लोगों ने अपनों को खो दिया है और अब अपनी जीविका के लिए चक्कर काट रहे हैं। पुनर्वास नीति के तहत ऐसे लोगों के लिए शासन ने योजना बनाई है, जिसके तहत उन्हें सामान्य क्षेत्र में घर, नौकरी सहित अन्य संसाधन उपलब्ध कराने हैं। लेकिन इस पुनर्वास नीति के सही समय पर क्रियान्वयन नहीं होने के चलते ऐसे परिवारों को दर-दर भटकना पड़ रहा है।

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