घुमंतु पशुओं के लिए गौठान में किसान अपना पैरा दान करे किसानों से अपील: खिलेश मारकंडे
खेतो मे पडे पैरा को किसान जलाये नहीं इससे पर्यावरण प्रदुषित होगा
सेलूद / पाटन जनपद सदस्य खिलेश मारकंडे ने कहा कि अपने पैरा को गौठानो में दान कर दे । जिससे पशुओं को उपयुक्त चारा मिले व पराली जलाना न पड़े और पर्यावरण प्रदुषण से भी बचा जा सके । । किसान के खेतों में फसलों के कटाई के बाद जो पैरा होता है उसे अधिकतर किसान खेत में ही जला दे ते थे ,जिससे वायुमंडल तो गंदा होता था लेकिन आग लगने का खतरा मंडराता है, लेकिन पाटन क्षेत्र के गांव के किसानों से पाटन जनपद सदस्य ने पैरा दान करके मिशाल पेश करने की अपील किया है,। उन पैरों को गौठान या गौशाला में दान किया जाएगा, ताकि पशुओं को आसानी से चारा मिल जाएगी और चरवाहे को ज्यादा दिक्कतों का सामना नहीं करना होगा,ग्रामीणों के पैरादान करने से ग्रामीणों को गौठान के संचालन व खेती को बचाने की मुहिम को गति मिलेगी । किसान आधुनिक तकनीकी का इस्तेमाल करने से खेतों के उत्पाद का सही उपयोग कैसे करे यह परेशानी बन गया है ।हारवेस्टर और थ्रेशर से मिंजाई कार्य करने से खेत में ही पैरा छुट जाता है किसान उस पैरे को आग लगा देते थे ।लेकिन उससे उठने वाले धुएं ठंड होने के कारण नमीयुक्त होकर ऊपर नही उठ पाते थे और आसपास नीचे ही फैल जाते थे ।इससे वातावरण प्रदुषित होना शुरु हो गया था इसी बात को ध्यान रखकर किसानों ने अपने पैरे का सही उपयोग करना शुरु कर दिया है। साथ ही पाटन जनपद सदस्य द्वारा जन जागरुक करके ग्रामीण किसानों को पैरे को न जलाते हुए इसे गौठान में दान करने की अपील कर रहे है