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24 कुंडीय महायज्ञ में अखिल विश्व गायत्री परिवार के प्रमुख डॉ चिन्मय पंड्या को आमंत्रण, आने की सहमति प्रदान किया

हेमलता निषाद।

पाटन दुर्ग। सेलूद ग्राम सेलूद में आयोजित 24 कुंडीय गायत्री महायज्ञ, विराट महिला सम्मेलन और श्रीमद प्रज्ञा महापुराण कथा दिनांक 02 जनवरी 2025 से 5 जनवरी 2025 तक के आयोजन में अखिल विश्व गायत्री परिवार के प्रमुख डॉ चिन्मय पंड्या को आमंत्रण देने डॉ दयाराम साहू पूर्व विधायक,अशोक सिंह राजपूत समन्यक, खेमलाल साहू संयोजक ठाकुर अजय सिंह संजय यदु ने बालाघाट के आयोजन में पहुँचकर सेलूद के आयोजन में शामिल होने का निमंत्रण प्रदान किया जिसे सहर्ष स्वीकार करके हुए आने की सहमति प्रदान किया है l

डॉ चिन्मय पंड्या नाम सुनते ही मन में एक आदर्श युवा की छवि उभरती है एक ऐसा युवा जो ब्रिटेन जैसे शाही देश में डॉक्टर की नौकरी त्यागकर अपनी मातृभूमि की सेवा के भाव से पुनः देश लौटे। 2010 से लगातार देव संस्कृति विश्वविद्यालय हरिद्वार में प्रतिकुलपति के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे है,साथ-साथ राष्ट्रीय व अन्तराष्ट्रीय स्तर की कई नामी सरकारी व गैर सरकारी संस्थाओं में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभा रहे है। आज डॉ चिन्मय युवाओं के आदर्श बनकर उभर चुके हैं जिनके ओजस्वी उद्बोधन से हर युवा अपने जीवन की नई दिशा तलाशना शुरू कर देता है।

वर्त्तमान में डॉ पंड्या अध्यात्म के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर नोबेल पुरस्कार के समकक्ष टेम्पल्टन पुरस्कार की ज्यूरी के मेंबर भी है, जो कि समूचे भारतवर्ष के लिए गर्व और गौरव की बात है क्योंकि पहले भारतीय है जो इस पुरस्कार की चयन समिति के सदस्य है। अखिल विश्व गायत्री परिवार के प्रमुख डॉ प्रणव पंड्या जी इनके पिता हैं। करोड़ों गायत्री परिजनों के आस्था के केंद्र युगऋषि वेदमूर्ति तपोनिष्ठ पण्डित श्रीराम शर्मा आचार्य जी व माता भगवती देवी शर्मा की गोद में खेलने का सौभाग्य बचपन में इन्हें प्राप्त हुआ।

करिश्माई व्यक्तित्व के धनी डॉ पंड्या भारतीय संस्कृति को वर्तमान की तमाम समस्याओं के समाधान के रूप में देखते है। इनके ओजस्वी भाषण सुनने को हर कोई लालायित रहता है। यह अपने धाराप्रवाह उद्बोधन से श्रोताओं को भीतर से झकझोरकर सकारात्मक दिशा में सोचने को मजबूर कर देते है। भारतीय वेशभूषा धोती-कुर्ते व खड़ाऊ धारण किये डॉ पंड्या बेहद विनम्र स्वभाव के धनी है। देव संस्कृति विश्वविद्यालय को परिवार की भांति संचालित करके डॉ पंड्या प्रतिकुलपति के साथ अभिभावक की भूमिका का निर्वहन कर रहे है। इसी का नतीज़ा है कि विद्यार्थी प्यार से इन्हें भैया भी कहते है।

यहाँ अध्ययनरत हो या पुराना कोई भी विद्यार्थी सहजतापूर्वक इनसे मिल सकता है। नित्य नये प्रयोग करने का स्वभाव इनके व्यक्तित्व में चार चांद लगाता है। सेलूद आगमन की जानकारी मिलते ही गायत्री परिवार के साथ साथ जनमानस में काफी उत्साह का वातावरण बनने लगा है l युवावों का आइकन है इसलिए युवाओं में ज्यादा ही उत्साह दिख रहा है l

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