छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ पीएससी घोटाला: पूर्व मुख्यमंत्री के करीबी अधिकारियों पर सीबीआई का शिकंजा,डीएसपी डिप्टी कलेक्टर नियुक्तियों में गड़बड़ी का पर्दाफाश, पढ़े पूरी खबर…

छत्तीसगढ़ में डीएसपी, डिप्टी कलेक्टर समेत कई महत्वपूर्ण पदों पर पिछले दरवाजे से कुपात्र उम्मीदवारों को नियुक्ति देने के मामले में छत्तीसगढ़ पीएससी की तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक आरती वासनिक के घर सीबीआई की छापेमारी हुई है।

अभी तक सीबीआई उन्हें दो बार पूछताछ कर चुकी है। पूर्व चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी और तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक आरती वासनिक पूर्व मुख्यमंत्री बघेल के करीबी बताये जाते है।

यह भी बताया जा रहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री के कार्यालय में तत्कालीन दौर में पदस्थ कई अधिकारियों के बच्चों के अलावा उनके दामादों को भी कई बड़े पदों पर नियुक्ति दी गई थी। इसमें डेविड नामक रिटायर्ड पुलिस अधिकारी के पुत्र का नाम भी शामिल बताया जाता है। सूत्र तस्दीक कर रहे है कि तत्कालीन मुख्यमंत्री के आवास और सुरक्षा में तैनात कई अधिकारियों के कुपात्र परिजनों को तश्तरी में परोस कर सरकारी पदों पर नौकरी दी गई थी। पूर्व मुख्यमंत्री बघेल और उनकी निलंबित उपसचिव सौम्या चौरसिया की टीम में शामिल आरती वासनिक की कार्यप्रणाली पर भी गंभीर आरोप लगे है।

जानकारी के अनुसार आरती वासनिक के राजनांदगांव और रायपुर स्थित ठिकानों में सीबीआई ने दबिश दी है। इस दौरान कई दस्तावेज भी सीबीआई के हाथ लगे है। तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक आरती वासनिक के तार पूर्व मुख्यमंत्री कार्यालय से जुड़े बताये जाते है। उनकी गिरफ्तारी के आसार भी जाहिर किये जा रहे है। बताते है कि पीएससी घोटाला तत्कालीन मुख्यमंत्री बघेल के संरक्षण में अंजाम दिया जा रहा था।

CGPSC के तत्कालीन चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी की इस पद पर नियुक्ति कई अनाधिकृत कार्यों कों अंजाम देने की सेवा शर्तों के साथ की गई थी। पूर्व मुख्यमंत्री की भरोसेमंद टीम सरकारी सेवाओं और नौकरी के लिए पिछले दरवाजे से कुपात्र उम्मीदवारों का चयन CGPSC के माध्यम से जोर-शोर से कराने में जुटी हुई थी। बताते है कि भूपे सरकार के सत्ता में आने के बाद वर्ष 2018 से 2023 के बीच CGPSC ने कई विभागों में कुपात्रों को उपकृत किया है। फ़िलहाल लोगों की निगाहे CGPSC घोटाले के असली गुनाहगारों की गिरफ्तारी पर भी टिकी हुई है।

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